Surah Yaseen in Hindi
by Muhammadi Gyaan
Surah Yaseen in Hindi with Hindi Translation with Audio and Video
App Name | Surah Yaseen in Hindi |
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Developer | Muhammadi Gyaan |
Category | Education |
Download Size | 8 MB |
Latest Version | 28.0.3 |
Average Rating | 0.00 |
Rating Count | 0 |
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इस Surah Yaseen in Hindi की ऐप में पूरी अरबी सूरह यासीन को हिंदी लिप्यंतरण में लिखा गया है और इस में पूरी सूरह यासीन हिन्दी में हिन्दी अनुवाद के साथ भी दिया गया है।इसके अलावा इस ऐप में पूरी सूरह यासीन ऑडियो Surah Yaseen in Audio में भी दिया गया है जिसकी तिलावत को आप रोजाना सुनकर अपने दिल को मुनव्वर कर पायेंगे इस ऐप के द्वारा आप भी पूरी सूरह यासीन आसानी से पढ़ कर के इसके तर्जुमा को समझ सकते हैं। इसके अलावा इस ऐप में पूरी सूरह यासीन विडियो Surah Yaseen in Video के साथ भी दिया गया है ये ऐप सभी के लिए बिलकुल फ्री है।
इस सूरह को पढ़ने की कुछ फजीलते नीचे दी है
हज़रत सैय्यदना हस्सान बिन अतिया रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूल उल्लाह सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि सूरह यासीन अपने पढ़ने वाले को
दुनिया व आख़िरत की भलाई अता करती है |
दुनिया व आख़िरत की बलाये उस से दूर करती है |
दुनिया व आख़िरत की हौलनाकियों से नजात दिलाती है |
ये अपने पढ़ने वाले की हर हाजत व ज़रुरत पूरी करती है |
जिस ने उसे पढ़ा ये उस के लिए 20 हज के बराबर है |
हदीस में आया है कि जो शख्स दिन की इब्तिदा में सूरह यासीन कि तिलावत करेगा उसकी तमाम ज़रूरियात पूरी हो जाएँगी
एक जगह और अबू दरदा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जिस मरने वाले के पास सूरह यासीन पढ़ी जाती है अल्लाह तआला उसपर (रूह क़ब्ज़ करने में) नरमी फरमाता है
एक रिवायत में है की हुज़ूर सल्लल लहू अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया मेरा दिल चाहता है कि सूरह यासीन मेरे हर उम्मती के दिल में हो यानी हर उम्मती को ज़ुबानी याद हो
दूसरी रिवायत में है कि जिस ने सूरह यासीन को रात में पढ़ा फिर अगर उस रात उसकी वफ़ात हो जाये यानी वो इन्तिक़ाल कर जाये तो वो शहीद माना जायेगा
एक जगह और इरशाद है कि जो सूरह यासीन पढता है उसकी मग़फ़िरत की जाती है जो भूक की हालत में पढता है वो सेर हो जाता है ,जो रास्ता गुम होने की हालत में पढता है वो रास्ता पा लेता है और जो इस हालत में पढ़े की खाना कम हो जाने का खौफ हो तो खाना काफी हो जाता है ।
अल्लाह हम सबको ज्यादा से ज्यादा कुरआन को पढ़ने और समझने की तौफीक दे आमीन।
इस सूरह को पढ़ने की कुछ फजीलते नीचे दी है
हज़रत सैय्यदना हस्सान बिन अतिया रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूल उल्लाह सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि सूरह यासीन अपने पढ़ने वाले को
दुनिया व आख़िरत की भलाई अता करती है |
दुनिया व आख़िरत की बलाये उस से दूर करती है |
दुनिया व आख़िरत की हौलनाकियों से नजात दिलाती है |
ये अपने पढ़ने वाले की हर हाजत व ज़रुरत पूरी करती है |
जिस ने उसे पढ़ा ये उस के लिए 20 हज के बराबर है |
हदीस में आया है कि जो शख्स दिन की इब्तिदा में सूरह यासीन कि तिलावत करेगा उसकी तमाम ज़रूरियात पूरी हो जाएँगी
एक जगह और अबू दरदा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जिस मरने वाले के पास सूरह यासीन पढ़ी जाती है अल्लाह तआला उसपर (रूह क़ब्ज़ करने में) नरमी फरमाता है
एक रिवायत में है की हुज़ूर सल्लल लहू अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया मेरा दिल चाहता है कि सूरह यासीन मेरे हर उम्मती के दिल में हो यानी हर उम्मती को ज़ुबानी याद हो
दूसरी रिवायत में है कि जिस ने सूरह यासीन को रात में पढ़ा फिर अगर उस रात उसकी वफ़ात हो जाये यानी वो इन्तिक़ाल कर जाये तो वो शहीद माना जायेगा
एक जगह और इरशाद है कि जो सूरह यासीन पढता है उसकी मग़फ़िरत की जाती है जो भूक की हालत में पढता है वो सेर हो जाता है ,जो रास्ता गुम होने की हालत में पढता है वो रास्ता पा लेता है और जो इस हालत में पढ़े की खाना कम हो जाने का खौफ हो तो खाना काफी हो जाता है ।
अल्लाह हम सबको ज्यादा से ज्यादा कुरआन को पढ़ने और समझने की तौफीक दे आमीन।